यू.के. से पधारे कवि गण थे-
डा. कृष्ण कुमार (अध्यक्ष), डा. कृष्ण कन्हैया, परवेज़ मुज़फ़्फ़र, श्रीमती स्वर्ण तलवार, श्रीमती नीना पाल, श्रीमती जय वर्मा, नरेन्द्र ग्रोवर व श्रीमती अरुण सव्वरवाल।
टोरांटो से भाग लिया -
डा. के. सी. भटनागर (अध्यक्ष), श्री भारतेंदु श्रीवास्तव, डा. शैलजा सक्सेना, श्रीमती अचला दीप्ति कुमार, श्रीमती आशा बर्मन, डा. देवेन्द्र मिश्रा, सुधा मिश्रा, भगवत शरण श्रीवास्तव, श्रीमती शैल शर्मा, राज माहेश्वरी, विजय विक्रांत, प्रमिला भार्गव, श्रीमती मानोशी चटर्जी, सुरेन्द्र पाठक, शिवराज पाल, स्नेह सिंघवी, डा. शिव नंदन सिंह यादव, श्याम त्रिपाठी।
इस मिलन संध्या की कुछ तस्वीरें-
यूके से परवेज़ साहब (बीच में, सबसे ऊपर) शैलजा सक्सेना टोरांटो से (ऊपर)
आशा बर्मन (सबसे ऊपर) व प्रमिला भार्गव टोरांटो से (ऊपर)
कृष्ण कन्हैया यूके से (सबसे ऊपर) व शैल जी टोरांटो से (ऊपर)
शरण श्रीवास्तव टोरांटो से (नीचे)
डा. देवेन्द्र मिश्रा टोरांटो से (ऊपर) स्वर्ण तलवार यूके से (नीचे)
मानोशी चटर्जी टोरांटो से (ऊपर) व जय वर्मा यूके से (नीचे)
अचला कुमार टोरांटो (ऊपर) डा. के सी भटनागर, डा. भरतेंदु श्रीवास्तव टोरांटो से व नरेन्द्र ग्रोवर यू.के. से (नीचे)
5 comments:
बहुत बढ़िया लगा. कुछ मजबूरीवश एकाएक कैलिफोर्निया जाना पड़ा अतः वादा कर के भी उपस्थित न हो सका..अफसोस है.
देश से इतनी दूर इन गतिविधियों के बारे में पढ़ कर बहुत ही ख़ुशी हुई...ऐसे ही प्रयासों से आज हिंदी लोकप्रिय है...
bahut bhaut badhaayeeyan is safal ayojan hetu.
अच्छा लगा यह जानकर। आभार।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
अच्छा लगा जानकर कि विदेशी भूमि पर भी हिंदी का परचम लहरा रहा है।
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